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पानी और आयुर्वेद (भाग ३) पानी के गुण – अजीर्णे भेषजम वारि जीर्णे व्ारि बलप्रदम।भोजने चामृतम वारि रांत्रौ वारि विषप्रदम।। शा.नि. । यदि मनुष्य अजीर्ण में केवल कोष्ण जल का सेवन करता है तो वह उत्तम औषध...
पानी और आयुर्वेद (भाग २) पानी और भोजन का संबंध –भक्तस्यादौ जल पितमंग्निसादं कृशाड्ञताम ।। उन्ते करोती स्थुलत्वं ऊर्ध्व चामाशायात्कफम । _* मध्ये मध्यान्गताम साम्यं धातूनाम जरण्म सूखम ।। अ.स.सु यदि...
पानी और आयुर्वेद (भाग १) उषाकाले जलपान गुण- उषाकाल मतलब सूर्योदय के पूर्व काल‘ सवितु: समुद्यकाले प्रखरुती:सलिलस्य पिबेदष्टो ।* रोगजरापरिमुक्तों जिवेदंवत्सरशतं साग्रम ।। भा.प्र.‘ सूर्य के उदय होने के...